MOTHER COURAGE AND HER CHILDREN WRITTEN BY BERTOLT BRECHT,SUMMARY IN HINDI

आज हम आपको MOTHER COURAGE AND HER CHILDREN ,ड्रामा जिसे BERTOLT BRECHT  द्वारा लिखा गया है ,आज इस पेज पर आपको इस ड्रामा को समझने मे  आसानी होगी | 

SUMMARY IN HINDI 

यहाँ पर एक महिला और उस के तीन बढ़ते हुए बच्चो की कहानी है ,जो अपने जीवन की कठिन SITUATION का साहस और दृढ्ता के साथ  मुकाबला करते है  | कहानी की घटना युद्ध के समय से ली गयी है जो पिछले 30 साल से चल रहा है | 

सालो के अनुभव पर यह कहानी आधारित है और यह 30 वर्षीय   युद्ध के नाम से जाना जाता था | 

ड्रामा की मुख्य CHARACTER मदर करेज है ,जिसका REAL नाम ANNA FIERLING है एना फिएरलिंग MOTHER COURAGE नाम से जानी जाती है क्युकी एक बार उसने निराशा के दौर मे एक बहादुरी का काम किया था ,उसके बाद से उसका उपनाम MOTHER COURAGE से जाना जाने लगा | 

मदर करेज की अपनी एक चलती फिरती एक दुकान या कैंटीन है जिसको वैगन  पर बनाया गया है वैगन  को मदर करेज घोड़ो की बजाय खुद खींचती है ,जो जवानों को मिश्रित सामान तथा ब्रॉडी और मदिरा भी बेचती है | आरम्भ मे  ये कैंटीन एक स्वीडिश रेजिमेंट  के साथ थी | जहा भी स्वीडिश रेजिमेंट  जाया करती थी ,उसी स्थान पर मदर करेज की वैगन भी SHIFTS  हो जाती थी | 

ROMAN CATHOLIC और PROTESTANT देशों  के मध्य एक स्थायी युद्ध छिड़ा हुआ था | स्वीडिश प्रोटोस्टेंट रेजिमेंट के साथ उस पर भी हमला होता है | स्वीडिश लोग अपने स्वीडिश राजा "गुप्तावज "के नेर्तत्व मे  युद्ध कर रहे थे | 

जैसे ही नाटक की आरम्भ होता है ,हम भर्ती करने वाले एक स्वीडिश अधिकारी को ,एक स्वीडिश सहायक द्वारा गिरफ्तार होते हुए देखते है ,जो प्रोटोस्टेंट आर्मी के लिए जवानो को भर्ती कर रहा था, जिसको की फ़ौरन फौज कीआवश्यकता थी | मदर करेज इस भर्ती करने वाले अफसर का सामना करती है क्युकी वह  मदर करेज के बेटो को फौज मे  भर्ती करवाना चाहता था | परन्तु वह उसका विरोध कर रही थी | क्युकी कैंटीन वैगन को मदर करेज के दोनों बेटो और मदर करेज खुद खींचा करते थे |

भर्ती अफसर ,मदर करेज के विरोध के  बावजूद ,उसके पुत्रो को सेना मे  भर्ती करने का इरादा कर लेता है | समय के चलते उसका बड़ा बेटा फौज मे  भर्ती हो गया और उसने स्वयं को अदिव्तीय रूप से बहादुर सिपाही सिद्ध किया तथा स्थानीय कमांडर के द्वारा सम्मानित किया गया | मदर करेज को अपने बेटे से मिलकर बहुत ख़ुशी प्राप्त होती है जब उसको अपने पुत्र के बहादुरी भरे कारनामो के बारे मे  पता चलता है सेना द्वारा किया गया प्रशंसात्मक काम भी | 

मदर करेज एक स्वीडिश पादरी तथा एक हॉलैंड वासी से मिलती है तथा हॉलैंड वासी एक रसोईये के रूप रेजिमेंट मे  काम करता था |  जल्द  ही उसका दूसरा बेटा  ,SWISS CHEESE भी पे मास्टर के रूप मे  भर्ती कर लिया गया |

तीन वर्ष बाद ,मदर करेज को एक सूंदर ,आकर्षक तथा युवा लड़की YVETTE  से मिलने की अवसर प्राप्त होताहै,

जो की उस रसोइये से हेट करती है वही दूसरी तरफ वो रसोइये उस लड़की से बहुत प्रेम करता था ,लेकिन कुछ समय बाद वो रसोया भी लड़की से घिरना करना स्टार्ट कर देता है ,और कुछ ऐसी कंडीशन आती है ही लड़की को वेश्या होने के लिए मजबूर होना पड़ता है | ये बात  सब को बाद मे  पता चलता है की YVETTE  का प्रेमी वो रसोइया है ,जो छल -कपट मे  मशगूल था | दोनों के बीच मे  एक प्रकार की शत्रुता  उत्त्पन  हो जाती है तथा दोनों अपनी इच्छाऍ  पूर्ण न होने के कारण नफरत से भर जाते है | 

यहाँ तक की पादरी भी उससे विवाह करना चाहता है तथा अपने पादरी के लिबादे से घृणा करने लगता है , युद्ध के समय दौरान ऐसे बहुत से अवसर आये जब यवेत्ते का बिज़नेस बहुत आगे बढ़ता है , तब  वह  अपने बिज़नेस मे  सब साधन -सपंन्न हो जाती है और ख़ुशी होती है   ,पर कई बार ऐसा भी समय आता है की उसे बिज़नेस मे  बहुत घाटा होता है ,ऐसा विशेषकर शांति के समय मे  होता या जब युद्ध की क्रिया -किलाप बंद होने की सिचुएशन मे  हो ,तब ऐसे मौके आते है की उसका बिज़नेस बिलकुल नहीं चलता और  तब उसके पास एक भी  पैसा नहीं रहा ता और उसकी भूखे मरने की भी नौबत आ जाती  है | 

नाटक आगे बढ़ता है अब एक मौके पर ,शत्रु अचानक से हमला करता है और मदर करेज का छोटा बेटा  जो की एक PAY -मास्टर है और CASHIER के तौर  पर काम करता  था ,एक कैथोलिक कप्तान द्वारा मारा जाता है   SCENE  आगे बढ़ता है और और दूसरे अवसर पर हम देखते है की मदर करेज की गूंगी और मंदबुद्धि बेटी जिसका नाम KATTRIN है बहुत बुरी तरह जख्मी हो जाती है ,ऐसा तब होता है जब वह कुछ सामान खरीदने बाजार गयी थी और वह एक शराब  पीये हुए सिपाही ने उस पर हमला कर दिया जाता है |

तभी यूरोप मे  शांति का एक अंतराल आता है ,जब स्वीडिश राजा ,गुस्तावज  को मार  दिया जाता है | परन्तु शांति के समय मे  मदर करेज का बिज़नेस बिलकुल नहीं चलता है ,उसका जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है | जबकि युद्ध के दौरान उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी और वह बहुत ख़ुशी रहती थी ,पादरी उसे युद्ध का आइना कह कर भी वर्णन करता था | 

युद्ध के दौरान मदर करेज एक बार फिर साधन -सपन्न बन जाती थी ,क्युकी उसके  सामान की बिक्री कई तरीको से बढ़ जाती थी क्युकी सेना  के जवान उनकी कीमत अदा  करने मे  समर्थ होते थे  | 

सन 1634 के वर्ष मे ,मदर करेज को भुखमरी का सामना करना पड़ता है क्युकी यह उसके लिए मुश्किल घड़ी थी तथा लोगो को भी अच्छी वस्तुओ की कमी महसूस होने लगी इसी समय स्वीडिश फौज की हार हो गयी | तभी रसोइये ने अपने  मातृ -देश हॉलैंड जाने के बारे मे सोचा ,क्युकी उसकी माँ की सम्पत्ति मे  से कोई सम्पत्ति उसे मिलने वाली थी | 

रसोइया ,मदर करेज को उसके साथ चलने और साथ मिल कर बिज़नेस करने का निमंत्रण देता है जिससे की वह अपना जीवन  इधर उधर भटकने के बजाए एक जगह पर खुशहाल बनाया जा सके और साथ ही सुरक्षित भी रह सके | मदर करेज भी अब भाग दौड़ से थक गयी थी ,और वह रसोइये के proposal से सहमत भी हो जाती है ,परन्तु तभी रसोइया उससे स्पष्ट करते हुए कहता है की वह उसकी बेटी कट्रीन को नहीं लेके जाएगा और साथ ही मदर करेज को अकेले ही वैगन की देखभाल करनी होगी | 

लेकिन मदर करेज अपनी बेटी को अकेले पीछे छोड़ के नहीं जा सकती थी ,यघपि उसकी बेटी ने बिना किसी को बताए वो जगह छोड़ने की योजना बना ली ताकि उसकी माँ चाहे तो उसे छोड़ कर ,रसोइये के साथ जा सके | 

फिर नाटक आगे बढ़ता है और मदर करेज अपनी बेटी के साथ ,शहर  की बहरी सीमा पर स्थित एक फार्म हाउस

मे  आती है और फिर कुछ सामान खरीदने  शहर जाती है ,इसी दौरान कैथोलिक फौजे ,प्रोटोस्टेंट शहर पर अटैक करने की योजना बनाते है ,कट्रीन स्वयं का बलिदान दे कर शहर को बचने का प्रयास करती है | और  कट्रीन जो की संवेदनशील और दयाशील लड़की थी जिसको एक कैथोलिक  लिफ्टनेंट द्वारा गोली मार दी गयी थी | इससे पहले इलिफ को भी एक कृषक परिवार पर हमला करने और लूटने के अपराध मे  फांसी पर लटका दिया गया था |

यघपि मदर करेज को अपने बड़े बेटे की फांसी के मामले के बारे मे  कुछ नहीं जानती थी 

अब मदर करेज अकेली रह गई है ,और अब  वह अपने लिए कोई शरण लेने का स्थान नहीं पाती  है | 

लेकिन वह एक बहादुर स्री  है जो की अपना बिज़नेस फिर दुबारा आरभ करने का निश्चय करती है ,यघपि वह अब अपने दोनों बेटों और बेटी को खो  चुकी है,युद्ध ने भले ही उसके परिवार को छीन लिया हो परन्तु उसकी आत्मा को नहीं | 

लेखक कहता है की युद्ध के दौरान के अनुभव से मदर करेज ने कुछ नहीं सीखा ,फिर हम उसको उसकी परेशानियों  तथा कष्टों से ऊपर उठते हुए देखते है | 

जीवन के कटुतम अनुभव के परिपेक्ष मे वह अपनी आत्मा को परास्त होने की आज्ञा नहीं दे सकती | 

तो दोस्तों ये था MOTHER COURAGE AND HER CHILDREN की फुल SUMMARY आशा करते है की आपको समरी को समझने मे आसानी होगी | 

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