दोस्तों अगर आपको आपका बिजली का बिल मिल गया है तो वहां पर आपको एक से ज्यादा Charge देखने को मिले होंगे जो कि आपके Actual Charge (Energy Charge) मतलब कि जितना आपने खर्च किया है उससे भी ज्यादा होंगे।
तो इसको देख कर आप सोच रहे होंगे कि ये Charges क्या है और सरकार ये Charges क्यों ले रही है, तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है।
इस ब्लॉग में आपको बिजली बिल में लगने वाले सभी प्रकार के Charges की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
Energy Charge
Energy Charge का मतलब होता है कि आपने जितनी बिजली इस्तमाल की है ( जितनी Unit आपकी आई हैं ) उसका कितना पैसा आपको इतना देना है।
जैसे कि आपने पिछले 2 महीने में अगर 100 यूनिट बिजली इस्तमाल की है और 1 यूनिट का चार्ज 8 रूपए है तो आपको Energy Charge के रूप में 800 रूपए देना होगा।
वास्तव में देखा जाए तो सरकार को Energy Charge के बराबर ही बिजली का बिल लेना चाहिए, पर सरकार ऐसा नहीं करती बल्कि बिजली बिल को बढ़ाने के लिए आपके Electricity Bill में Energy Charge के साथ साथ कई और Charge भी लगा देती है, जैसे कि :-
- FIXED CHARGE
- MMC/FC FOR RECONNECTION
- AMUNT TO COVER MMC
- FUEL SURCHARGE ADJ
- EXCESS LOAD SURCHARGE
- CAPACTOR SURCHARGE
- METER SERVICE CHARGE
- LINE SERVICE CHARGE
- CAPACITOR SERVICE CHARGE
- ELECTRICITY DUTY
- MUNICIPAL TAX / P TAX
- ARREARS / OUTSTANDING DUES
- SUNDRY CHARGES / ALLOWANCES
- PROVISIONAL ADJUSTMENT / BR ADJ
- LPS ADJUSTMENT
- NON ENERGY CHARGE / ACD REV CHARGE
1. Fixed Charge
हमने जितने किलो वाट का मीटर लगवाया है उस के हिसाब से बिजली विभाग हमसे Fixed Charge के रूप में कुछ Charge लेता है।
ये Charge पहले से ही Fixed होता है कि भाई अगर इतने किलो वाट का मीटर लगवाओगे तो इतना Fixed Charge देना पड़ेगा।
2. MMC FOR RECONNECTION
बिजली विभाग के नज़रो में MMC का मतलब है कि अगर आप अपने घर में 1 लाइट तक नहीं जलाओगे तो भी आपको महीने का इतना बिल तो भरना ही पड़ेगा।
3. AMOUNT TO COVER MMC
4. FUEL SURCHARGE ADJ
दोस्तों आपको पता ही होगा कि बिजली कंपनियों को बिजली बनाने के लिए तेल और कोयले जैसे चीज़ों की जरुरत पड़ती है। अब क्यूंकि इन चीज़ों की कीमत बढ़ती / घटती रहती है तो उसे पूरा करने के लिए बिजली विभाग हमसे Fuel Surcharge Adjustment के नाम पर कुछ पैसे लेता है।
Fuel Surcharge Adjustment भी सम्बंधित चीज़ों के हिसाब से बढ़ता घटता रहता है। ये Fixed नहीं होता है।
5. EXCESS LOAD SURCHARGE
Excess Loan Surcharge का मतलब होता है की आपने जितने Load (KW) का Connection लिया है आप उससे ज्यादा बिजली का इस्तमाल (खर्च) कर रहे हो।
और ये चार्ज आपको तब तक भरना पड़ेगा जब तक कि या तो आप अपने Load के हिसाब से ही बिजली खर्च नहीं करते या फिर ज्यादा Load का Connection नहीं लगवाते।
6. CAPACITOR SURCHARGE
बिजली विभाग के हिसाब से बिजली उपभोक्ता को अपने घर / दुकान / काम करने की जगह जहाँ के लिए उसने बिजली का कनेक्शन लिया है उसे वहां पर शंट कपैसिटर लगाना चाहिए। शंट कपैसिटर लगवाने से मीटर पर मोटर चलाने समय लोड नहीं पड़ता है और मीटर ख़राब होने से बचता है।
इसीलिए अगर आप अपने घर में उचित रेटिंग और ISI मार्क वाला शंट कपैसिटर नहीं लगवाते हो तो आपसे Capacitor Surcharge लिया जा सकता है।
7. METER SERVICE CHARGE
जब आप नया कनेक्शन लेते हो या पुराने कनेक्शन को हटावकर दूसरा मीटर लगवाते हो तो मीटर टेक्नीशियन जो सर्विस देता है जैसे की मीटर को लगाना, कनेक्शन करना।
तो इसके लिए बिजली विभाग Meter Service Charge लेता है।
8. LINE SERVICE CHARGE
ये Charge भी मीटर सर्विस चार्ज की तरह Line (ट्रांसफार्मर से घर तक बिजली लाना) में काम के लिए लिया जाता है।
9. CAPACITOR SERVICE CHARGE
जितने KVAR (Kilo Volt Ampere Reactive) का Capacitor आपने घर या काम करने के स्थान पर लगा रखा है उस हिसाब से आपसे Capacitor Service Charge लिया जाता है।
10. ELECTRICITY DUTY
Electricity Duty हर राज्य की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। यह हर राज्य के लिए अलग अलग हो सकती है।
Electricity Duty हर समय एक जैसे नहीं होती है बल्कि समय के साथ बढ़ता घटता रहता है।
11. MUNICIPAL TAX / P TAX
Municipal Tax भी Electricity Duty की तरह हर राज्य की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। यह हर राज्य के लिए अलग अलग हो सकती है।
Municipal Tax हर समय एक जैसे नहीं होती है बल्कि समय के साथ बढ़ता घटता रहता है।
12. ARREARS / OUTSTANDING DUES
13. SUNDRY CHARGES / ALLOWANCES
Sundry Charges हर किसी के लिए अलग अलग हो सकता है।
14. PROVISIONAL ADJUSTMENT / BR ADJ
जब कभी ऎसा होता है कि बिजली विभाग आपके मीटर की रीडिंग नहीं ले पाता है या आपने कितनी बिजली इस्तमाल की है इसका पता नहीं चल पता।
तो ऐसे में आपसे आपके पिछले बिल के हिसाब से Charge लिया जाता है इसी को Provisional Adjustment / BR Adjustment चार्ज कहते हैं।
15. LPS ADJUSTMENT
LPS (Late Payment Surcharge) ये चार्ज आपसे तब लिया जाता है जब आप अपने बकाया बिल को Time पर नहीं भरते हैं। जितने महीने आप अपना बिल Late भरोगे उतना ये चार्ज आपका बढ़ता जाएगा।
16. NON ENERGY CHARGE / ACD REV CHARGE
NE Charge और Advance Consumption Demand (ACD) Charge दोनों ही Security Charge है जो बिजली विभाग आपसे ले रहा है वो भी किस्तों में।
अब आप बोलोगे की Security Charge तो आपने Meter लगवाते समय भर दिया था। आप बिलकुल सही बोल रहे हो की आपने जब अपना Connection लगवाया था तो Security Deposit जमा किया था। पर बिजली विभाग ये चार्ज आपसे हर साल लेता है।
बिजली विभाग का कहना है कि जैसे जैसे समय बीतता है वैसे वैसे बिजली की खपत ज्यादा होती है। तो इसलिए बिजली विभाग आपसे Advance में ही Security ले रहा है क्यूंकि आप भविष्य में ज्यादा बिजली इस्तमाल करने वाले हो। इसी को Advance Consumption Demand (ACD) Charge कहते हैं।
तो दोस्तों ये थे वो Charges जो आपको बिजली बिल की साथ भरने पड़ते हैं।