Mutual Fund क्या है, कैसे काम करता है। Mutual Fund for Beginners
दोस्तों आप ने TV Ads में या वीडियो में काफी बार सुना होगा की Mutual Fund में पैसा लगाओ आपका बहुत फायदा होगा।
आपका पैसा बहुत तेज़ी से बढ़ेगा और साथ ही साथ सुरक्षित भी रहेगा।
तो आपके दिमाग में ये बात जरूर आती होगी की आखिर ये Mutual Fund है क्या और इसमें ऐसा क्या है कि बैंक और फिक्स्ड डिपाजिट के मुकाबले यहाँ पर पैसा ज्यादा तेज़ी के साथ बढ़ेगा।
तो दोस्तों आज इस ब्लॉग में आप Mutual Fund के बारे वो सब कुछ जान जाओगे जो की एक Beginner को पता होना चाहिए।
चलिए दोस्तों शुरू करते हैं।
1. Mutual Fund क्या होता है ?
जब किसी Particular Purpose के लिए पैसा इकट्ठा किया जाता है तो उसको Fund कहते हैं।
इसी तरह से Mutual Fund भी Fund हैं जिसमें काफी ज्यादा लोग एक साथ अपना पैसा लगाते हैं या डालते हैं,और फिर उस इक्कठे हुए पैसे को Share Market में लगाते हैं।
2. Why Mutual Fund
दोस्तों अब आपके दिमाग में ये बात आ रही होगी कि शेयर मार्किट में तो एक व्यक्ति सीधे भी पैसा लगा सकता है, तो फिर इतने सारे लोगों को एक साथ पैसा इक्क्ठा करने की जरुरत ही क्यों है और साथ Mutual Fund की जरुरत ही क्यों है।
बिलकुल दोस्तों आप सही सोच रहे हो की जब एक अकेला व्यक्ति खुद अपने आप सीधे ही Share Market में पैसा लगा सकता है तो फिर बीच में Mutual Fund को लाने की जरुरत ही क्या है ?
तो दोस्तों इसका ज़वाब आपको निचे दिए गए Points से मिल जाएगा :-
- किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपके पास एक साथ ज्यादा पैसा होना चाहिए जब्कि Mutual Fund में आप महीने के 500 रूपए के साथ भी Investment कर सकते हो।
- Share मार्किट में आप जिन कंपनी के शेयर खरीदोगे सिर्फ उसमें पैसा लगाओगे जबकि Mutual Fund के जरिए आप एक साथ बहुत सारी कंपनियों में पैसा लगा सकते हो। जिससे की अगर कोई Company डूबती भी है तो भी आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
- शेयर मार्किट में आप तब ही पैसा लगा सकते हो जब आपको उसकी पूरी जानकारी होगी कि कौन सी कंपनी के शेयर खरीदने चाहिए और कौन सी कंपनी के शेयर नहीं खरीदने।
- अगर आप बिना जानकारी की सीधे ही शेयर मार्किट में किसी भी कंपनी में पैसा लगा दो गे तो आपका पैसा डूबने के ज्यादा Chance होते हैं। और ऐसे में आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अब दोस्तों आप बोलोगे चलो ठीक है हमें Share मार्किट की knowledge नहीं है हम नहीं लगा रहे शेयर मार्किट में पैसा।
पर Mutual Fund के जरिए कौन हमारा पैसा शेयर मार्किट में लगाएगा क्यूंकि हमें तो knowledge नहीं है।
तो इसका जवाब ये है की Mutual Fund में आप एक Manager रखते हो जिसे Fund Manager भी कहा जाता है।
इस Fund Manager को Share Market की पूरी Knowledge होती है और साथ साथ Market का Experience भी होता है।
Fund Manger ही आपके पैसो को शेयर मार्किट में लगाएगा।
Fund Manager अपनी Market Knowledge और Experience के साथ ही आपका पैसा Market अलग अलग जगहों पर लगता है। ताकि आपका पैसा सुरक्षित भी रहे और बढता भी रहे।
यहाँ पर दोस्तों आपको ये बात भी पता होनी चाहिए की Fund Manager की Salary होती है जो वो आप से लेता है।
पर क्यूंकि दोस्तों जैसा की हमने शुरू में जाना था कि Mutual Fund में बहुत सारे लोग पैसा लगाते है तो Fund Manager की Salary भी सब लोग मिलके ही देंगे।
मतलब की सबके हिस्से में बहुत मामूली सा Amount ही आएगा।
Government Rule Regarding Mutual Fund
दोस्तों अब आपके दिमाग में ये बात आ रही होगी कि Mutual Fund में आपका पैसा कितना सुरक्षित है।
तो यहाँ पर Government कुछ रूल्स हैं जो आपको याद रखने हैं।
"An Act to Provide for the Establishment of a corporation with a view to encouraging saying and investment and participation in the income, profit and gains accruing to the corporation from the acquisition, holding, management and disposal of securities." Trust Of India Act, 1963
इसका मतलब ये है की Mutual Fund Govt के Trust Of India Act, 1963 के अंतर्गत आते हैं इसमें आपका पैसा सुरक्षित है।
इसके बाद अब हम बात करते हैं की Mutual Fund में पैसे किस तरीके से लगाए जाते हैं उसका क्या प्रोसेस है ?
देखिये दोस्तों Mutual Fund में पैसा लगाने के 5 चीज़ों की जरुरत पड़ती है।
1. Trust
2. Sponsors
3. Fund Manager
4. Asset Management Company (AMC)
5. Custodian
दोस्तों SEBI के Rules के हिसाब से Mutual Fund को सिर्फ एक Trust की तरह ही बनाया जा सकता है।
इसलिए Mutual Fund बनाने से पहले Mutual Fund Trust बनाया जाता है।
इन Trustee का काम होता है कि Asset Management Company (AMC) के सरे सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।
इसके अलावा Asset Management Company (AMC) में Auditor, Registrar आदि कौन होगा ये भी Trustee का ही काम होता है।
Mutual Fund Trust बनाने के बाद इसके Sponsors बनाये जाते हैं।
Sponsors ही Mutual Fund में पैसा लगते हैं और साथ ही साथ Mutual Fund Trust में Trustee कौन बनेगा ये भी Sponsors ही Decide करते हैं।
इसके अलावा Mutual Fund को SEBI से Approval कराने का काम भी यही देखते हैं।
इसके बाद Asset Management Company (AMC) बनाई जाती है।
इस AMC का नाम आपने जरूर सुना होगा जैसे की - TATA MUTUAL FUND, SBI MUTUAL FUND, ICICI PRUDENTIAL MUTUAL FUND
Asset Management Company (AMC) को अपनी Net Worth कम से कम 10 करोड़ रूपए रखनी पड़ती हैं नहीं तो वो Mutual Fund की कोई भी Scheme Launch नहीं कर पाएंगे।
Asset Management Company (AMC) का काम Mutual Fund की अलग अलग Schemes को Launch करना होता है।
SEBI के रूल के हिसाब से Asset Management Company (AMC) को कोई भी Mutual Fund Launch करने से पहले उसकी सारी Details लोगों होती है उसके बाद ही लोग उसकी Unit खरीद सकते हैं।
Mutual Fund Unit का मतलब होता है जो पैसा Mutual Fund अलग अलग Sector में Invest करता है उस पैसे को छोटी छोटी यूनिट में बाँट दिया जाता है।
जैसे की :
MRF का Share Price है - 80000 रूपए
Honeywell का Share Price है - 40000 रूपए
3M कंपनी का Share Price है - 30000 रूपए
अब यहाँ पर अगर आपको तीनो कंपनियों के शेयर खरीदने हैं तो आपको 150000 रुपए Invest करने पड़ेंगे।
जब्कि Mutual Fund में 150000 रूपए को छोटी छोटी यूनिट में बाँट देंगे जैसे की 500 रूपए की 300 यूनिट।
इससे ये फायदा हो जाएगा कि आप सिर्फ 1 यूनिट खरीद कर जो की सिर्फ 500 रूपए की है तीनो कंपनियों में पैसा लगा सकते हो।
अब हम बात करते हैं की Mutual Fund की Unit का Price कैसे Decide किया जाता है ?
यहाँ पर आप एक बात समझ लीजिए जैसे Company के Shares होते हैं वैसे ही Mutual Fund की Units होती हैं।
जब Mutual Fund शुरू होता है तो वो एक Fixed Price पर Issue किया जाता है।
इसी Price को कहते हैं NAV मतलब की Net Asset Value
इसके बाद जब Mutual Fund Market में Invest करता है तो जब जब Investment की Value बढ़ती है तो NAV
( Net Asset Value ) बढ़ती है और जब इनके Investment की Value कम होती है तो NAV ( Net Asset Value ) की Value भी कम हो जाती है।
दोस्तों इस तरीके से NAV ( Net Asset Value ) की Value कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाती है।
एक Mutual Fund कई तरह की Schemes ला सकता है पर उसको हर Scheme के लिए Trustee से Approval लेना होगा।
और एक फाइल जिसे Offer Document कहते हैं SEBI को Submit करानी होगी।
इस Offer Document में Mutual Fund Scheme से Related हर वो चीज़ लिखी होनी चाहिए जिससे की कोई भी व्यक्ति पढ़कर उस Scheme को अच्छी तरीके से समझ पाए।
यहाँ पर अगर Offer Document SEBI के पास भेजने के 21 दिनों तक SEBI कुछ प्रतिक्रिया नहीं करता है तो (AMC) Asset Management Company उस Document को Public को ऑफर करके Funds इक्क्ठा करने का काम शुरू कर देती है।
इसके बाद Asset Management Company (AMC) एक Fund Manager भर्ती करती है।
Fund Manager आमतौर पर Market/Financial Expert होते हैं।
Fund Manager अकेला काम नहीं करता बल्कि इनके साथ एक इनकी पूरी Research Team होती है।
ये Research Team पुरे Time Market पर नज़र रखती है। और जहाँ पर इनको लगता है की इस जगह Invest करने में फायदा है वहां पर Mutual Fund का Paisa Invest करती है।
और इन सब पर Fund Manager का पूरा Control होता है।
ये Fund इसलिए जरुरी होते हैं क्यूंकि ये अलग अलग कंपनियों Financial Statement को Analyses करते हैं।
क्यूंकि Fund Manager के पास पैसों का पूरा Control होता है।
इसलिए दूसरी कंपनियों के मालिक इन Fund Manager से Direct बात करते हैं और उन्हें अपने Plans समझाते हैं की अगर वो हमारी कंपनियों में पैसा Invest करेंगे तो कितना फायदा होगा।
इस प्रकार Fund Manager सब कुछ समझ कर लोगों के पैसों को अलग अलग जगह पर Invest कर देता है जहाँ पर Public का पैसा सुरक्षित भी रहे और पैसा बढ़ भी जाए।
Expense Ratio :
Fund Manager की Fees और Mutual Fund के Pure Process में जो भी Expense होते हैं उनको मिलाकर जो भी Fee होती है उसको कहते हैं Expense Ratio
ये Fee उन सब Investor में बंट जाती है जो भी Mutual Fund लेते हैं।
Expense Ratio हर Mutual Fund का अलग अलग रहता है।
यहाँ पर दोस्तों एक चीज़ और है कि Shares की तरह आप अपनी Mutual Fund की Units को भी जब मर्जी हो तब Sell कर सकते हो।
तीन दिन के अंदर आपका पैसा आपके Account में वापस आ जाता है।
इसके आलावा कुछ और महत्वपूर्ण बातें हैं जो Mutual Fund के बारे में हैं आपको पता होनी चाहिए :
- सारे Mutual Fund एक जैसे नहीं होते हैं।
- किसी Mutual Fund में ज्यादा Risk होता है तो किसी में कम
- कोई Mutual Fund Shares में Invest करता है तो कोई Debt में Invest करता है।
- हर Mutual Fund का एक Clear हिसाब किताब होता है की वो कितने पैसे कहाँ लगाएगा।